Sunday 16 October 2011

अज़ान और मैं ...

आप सभी को आपके अपने जौनपुरिया भैया रविकिशन शुक्ल का प्रणाम. शूटिंग शूटिंग और शूटिंग यही मेरी दिनचर्या बन गयी है. अभी अभी बनारस पंहुचा हूँ एक हिंदी फिल्म इसक की शूटिंग के लिए जहाँ मेरे साथी कलाकार हैं प्रतीक बब्बर और कंगना रानावत . जैसा की मेरे शीर्षक से ही आपको पता चल गया होगा की मैं इसी शुक्रवार रिलीज़ हुई अपनी फिल्म अज़ान के बारे में बात कर रहा हूँ. सच पूछिए तो वाकई अच्छी फिल्म बनी है . दुनिया के बारह देशो में इस फिल्म की शूटिंग हुई है . अज़ान नाम आपलोगों के लिए अनजान नहीं होगा क्योंकि अज़ान एक पाक शब्द है जिसका अर्थ होता है पूजा के लिए पुकार , हमारे मुस्लिम भाई इससे परिचित ही होंगे . अज़ान में सचिन जोशी ( नए अभिनेता) अज़ान खान नाम के एक ख़ुफ़िया अधिकारी की भूमिका में हैं. मैं भी ख़ुफ़िया अधिकारी बना हूँ. आज आतंकवाद दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है और सभी देश इस त्रासदी को झेल रहे हैं , अज़ान में इसी मुद्दे को उठाया गया है और बताया गया है की इंसान किस तरह बारूद की ढेर पर बैठा है और कब कोई चिंगारी इस बारूद को ज्वालामुखी में बदल कर हमारा अस्तित्व नष्ट कर दे पता नहीं .. आपलोगों को मैं फिल्म की पूरी कहानी नहीं बताऊंगा पर आग्रह करूँगा की अज़ान ज़रूर देखें ..इसकी तकनीक इस फिल्म को आम हिंदी फिल्म से अलग करते हैं. मैं इंटर नेट पर इस फिल्म का रिव्यू पढ़ रहा था , ख़ुशी हुई की सारे रिव्यू में तारिफ की गयी है . जैसा की मैंने शीर्षक में लिखा था अज़ान और मैं .... तो आपको बता दूं की आज फिल्म की पूरी यूनिट मेरे दोस्त बन गए हैं . मैंने अपने पिछले स्तम्भ में लिखा था इस फिल्म के लखनऊ और पटना के प्रमोशन के बारे में . अब तीन दिन पुरानी चर्चा ज़रूर करना चाहूँगा . अज़ान का प्रीमियर पिछले दिनों दुबई में था , मुझ जैसे भोजपुरिया कलाकार को इतने सम्मान के साथ बुलाया गया जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं , २०० से भी अधिक मिडिया कर्मियों के साथ मैं दुबई गया . दिन में विशाल प्रेस कोंफ्रेंस और रात में भव्य प्रीमियर जहाँ सोहेल खान, मल्लिका शेरावत और सचिन जोशी सहित कई जाने माने लोग थे , वहाँ मिडिया के आकर्षण का केंद्र मैं ही था ना सिर्फ भारतीय मिडिया बल्कि कई देश की मिडिया ने मुझे तबज्जो दी. मुझे यह कहने में फक्र महसूस हो रहा है की ये सम्मान मुझे सिर्फ इसीलिए मिल रहा है की मैं भोजपुरी का एक कलाकार हूँ. हम जनसँख्या में बहुत ज्यादा है और लोगो को हम भोजपुरियो का महत्व मालुम पड गया है , वैसे मुझे ख़ुशी है की सचिन जोशी के रूप में एक अच्छा कलाकार फिल्म जगत को मिल रहा है . फिल्म के निर्देशक प्रशांत चड्डा जी ने बहुत ही अच्छी फिल्म बनायीं है. वो एक मंझे हुए निर्देशक है मैं भगवान से उनके सचिन और प्रशांत चड्डा जी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ. गुरूवार को मुंबई के प्रीमियर में उनके चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास था . शाहरुख़ खान भी इस प्रीमियर का हिस्सा बने . कुल मिलकर मैं यही कह सकता हूँ की अज़ान आम हिंदी फिल्मो से काफी अलग है और फिल्म देखकर जरुर कहेंगे पैसा वसूल . अब मैं आपलोगों से विदा चाहता हूँ . अगले हफ्ते बाबा विश्वनाथ की ही नगरी से आपसे दिल की बात शेयर करूँगा. आप मेरा ये ब्लॉग मुंबई से प्रकाशित हिंदी दैनिक हमारा महानगर में भी भी पढ़ सकते हैं
आपका
रवि किशन

Tuesday 11 October 2011

हमार बाबु जी

आप सभी को आपके अपने रवि किशन शुक्ल का सादर प्रणाम . जैसा की मैंने शीर्षक में लिखा है हमार बाबु जी आपको आभास हो ही गया होगा की मैं इस बार अपने पिताजी से जुडी बातो को आपसे शेयर करूँगा . दरअसल मैंने अपने कुछ हफ्ते पहले भी आपसे जिक्र किया था की लम्बे अरसे के बाद मेरे पिताजी मेरे साथ है . सच कहूँ तो पिछले लगभग १५ बरसो में ऐसा मौका मेरी जिंदगी में पहली बार आया है. आज ही मेरे पिताजी हमारी जन्मस्थली गए हैं . उन्हें विदा कर आपसे रूबरू हो रहा हूँ . कल मुझे दुबई जाना है, क्योंकि १४ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही मेरी फिल्म अज़ान का प्रीमियर हो रहा है वहाँ . अज़ान होलीबूड स्टायल में बनी हिंदी फिल्म है जिसकी शूटिंग बारह देशों में की गयी है . प्रशांत चड्ढा जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म से नए अभिनेता सचिन जोशी लौंच हो रहे हैं और चर्चित मॉडल केनडिस बाउचर इस फिल्म से हिंदी फिल्मो में उतर रही है . फिल्म में मेरी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है .पिछले दिनों अचानक फिल्म के प्रोमोशन के लिए मुझे लखनऊ और पटना चलने को कहा गया . मैं उस समय गुजरात के राजपिपला में शूटिंग कर रहा था , अगर मैं वहाँ से जाता तो दो दिन शूटिंग रूक जाती . अजान के निर्माता ने मेरी हालत समझ ली आखिर वो भी निर्माता है और उन्हें पता है एक दिन यूनिट अगर बैठी रह जाये तो कितना नुकसान होता है . बड़े निर्माताओं पर तो कोई ख़ास असर नहीं होता लेकिन छोटे निर्माता को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. आखिरकार अजान के निर्माता ने ऐसा फैसला किया जो शायद कम निर्माता ही करते हैं , उन्होंने विशेष विमान बड़ोदा भेजा और मैं समय की बचत करते हुए उसी विमान से पहले लखनऊ फिर पटना गया. लखनऊ में प्रेस कोंफ्रेंस के बाद पटना गया वहाँ हवाई अड्डे पर सैकड़ो की तादात में मेरे फेंस गाजे बाजे के साथ मेरा और सचिन जोशी का इंतज़ार कर रहे थे . सारी मिडिया वहाँ मौजूद थी . एयर पोर्ट पर ही प्रेस कांफ्रेस चला . उस दिन अष्टमी था , मैं और सचिन जब पटना के डाकबंगला चौराहा से गुजर रहे थे तो अचानक हमें आभास हुआ की हमें सामने स्थित दुर्गा पंडाल में जाना चाहिए . वहां गया तो महसूस हुआ साक्षात माँ दुर्गा के दर्शन हो गए हमें. सचिन के लिए पटना नया शहर था लेकिन पटना वासिओ ने जिस तरह मेरा और सचिन का स्वागत किया उससे सचिन को काफी ख़ुशी महसूस हुई. मैंने उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव देखे , शायद उसके लिए ये पहला अवसर था , अब जबकि वो फिल्म जगत में पदार्पण कर चुके हैं तो ऐसा मौका अब बार बार आएगा . खैर , जल्द ही अज़ान आपलोगों के सामने होगी , दुबई से वापस आकर अपने संस्मरण आपसे ज़रूर बाटूंगा जैसा की मैंने शीर्षक में अपने बाबु जी का जिक्र किया था उसे पूरा करना चाहूँगा . बाबु जी तीन माह पहले मेरी जिद पर मुंबई आये थे क्योंकि वहाँ उनकी तबियत अचानक बिगड़ गयी थी. मैंने अपनी जिंदगी उन्ही से उधार ली है अर्थात मैं उनके ही नक़्शे कदम पर चलता हूँ , उनकी ही तरह मैं भी शिवभक्त हूँ , उनकी ही तरह पूजा पाठ में मेरी अभिरुचि और गहरी आस्था रही है. इन तीन माह में काफी बड़ा साथ रहा मेरा , कहते हैं ना ...जैसे जैसे उम्र बढती है जिंदगी का तजुर्बा भी बढ़ता जाता है . इस दौरान उनसे काफी कुछ सीखा , सच कहता हूँ वक़्त चाहे कितना भी बदल जाये , दौर चाहे कोई भी क्यों ना हो बड़ो का तजुर्बा हर दौर में सटीक होता है. आपलोगों को पता ही है की मैं इनदिनों महुआ टीवी पर एक चर्चित शो नाच नचैया धूम मचैया होस्ट कर रहा हूँ. शो ने सफलता का नया कीर्तीमान स्थापित किया है , पिछले दिनों अचानक शो के निर्माता और चैनल ने मुझसे आग्रह किया की वो मेरे बाबु जी को बतौर अतिथि शो पर आमंत्रित करना चाहते हैं . मैंने बाबूजी से बात की तो वो तैयार हो गए क्योंकि महुआ उनका पसंदीदा चैनल है . शो पर वो आये और जब उन्होंने शलोक का पाठ शुरू किया तो सेट पर मौजूद सारे लोग साँसे रोक कर बैठ गए . अस्सी साल की उम्र में उनका जोश और उनकी उर्जा देख सभी अचम्भीत रह गए. मैं खुद अपने भावना को रोक नहीं पाया . उन्होंने काफी सारी बातें की जो जल्द ही आपको महुआ टीवी पर देखने को मिलेगा . मैं खुद उस एपिसोड को देखने के लिए उतावला हूँ. काफी सुखद पल था वो ... किसी शो में बाबूजी का पहली बार जाना हुआ था लेकिन उनके अंदाज़ और हावभाव को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे बरसो से ऐसा कर रहे हैं . जितनी सजहता के साथ उन्होंने शो में जान फूंक दी उससे मैं भौचक्का रह गया. खैर फिलहाल तो वो गाँव पहुच गए हैं जल्द ही मुझे बनारस जाना है फिर उनसे मुलाकात होगी. अब मैं आपसे भी विदा चाहता हूँ अगले हफ्ते फिर अपने दिल की बात आपसे बयान करूँगा .
आपका
रवि किशन