ज्वालामंडी - एक प्रेम कहानी
आप सभी को आपके अपने रवि किशन का प्रणाम. साल 2013 की शुरुवात हो चुकी है , आशा है आप लोगो ने नए साल का भरपूर स्वागत किया होगा . मैं नए साल की पूर्व संध्या पर गोवा में था . दरअसल मेरा शो था वहाँ . इसीलिए मेरा पूरा परिवार भी नए साल के आगमन के जश्न में शरीक होने के लिए मेरे साथ ही था . गोवा जैसे अंग्रेजियत वाले शहर में आपके भोजपुरी स्टार का शो होना इस बात को दर्शाता है की भोजपुरी आज कहाँ तक पहुच चुकी है। वैसे जश्न तो पूरा महिना चलेगा लेकिन अब वापस काम शुरू हो चूका है . साल की मेरी पहली शूटिंग है निर्देशक हैरी फर्नांडिस की मराठी फिल्म मध्यमवर्ग . मैं अभी इसकी शूटिंग ही कर रहा हूँ चंदिवाली स्टूडियो में , थोडा वक़्त मिला तो सोचा आपसे रूबरू हो जाऊं , इसके तुरत बाद मुझे अँधेरी के नवरंग सिनेमा हॉल में जाना है क्योंकि मेरी फिल्म ज्वालामंडी - एक प्रेम कहानी मुंबई में साल की पहली रिलीज़ फिल्म है . मेरे साथ मेरे को स्टार रानी चटर्जी , अवधेश मिश्रा और सीमा सिंह भी रहेंगे . इस फिल्म की चर्चा मैंने एक बार पहले भी आपसे की थी। बिहार में इस फिल्म ने काफी अच्छा कारोबार किया है और अभी भी कई सिनेमा घरो में चल रही है . मैं इस फिल्म पर चर्चा करने से पहले फिल्म के निर्देशक जगदीश शर्मा, निर्माता राजू सिंह, अपने सहयोगी कलाकार रानी चटर्जी, अवधेश मिश्रा सहित पूरी यूनिट को बधाई देना चाहता हूँ. इस फिल्म में मेरा किरदार ऐसे युवक की है जो अपनी प्रेमिका को पाने के लिए शहर आकर ऑटो रिक्शा चलने लगता है और पैसे कमा कर आर जब वो वापस आता है तो अपनी प्रेमिका को एक किन्नर के कोठे पर पाता है . फिल्म का ट्राइल शो देखकर ही मैंने आकलन कर लिया था की फिल्म हिट होगी . . अवधेश मिश्रा ने किन्नर की भूमिका में बहुत ही अच्छा काम किया है . मेरी और रानी की जोड़ी को लोगो ने हमेशा ही पसंद किया है . पिछले साल हमने कैसन पियवा के चरित्तर बा में साथ साथ काम किया था और दर्शको ने उस फिल्म को भी काफी पसंद किया था . इस साल भी आप हमें साथ साथ देखेंगे फिल्म साली बड़ी सतावेली में . इस फिल्म में वो मेरी साली की भूमिका में है , जबकि रिंकू घोष मेरी पत्नी की . हमने साथ में हमेशा ही अच्छी फिल्मे दी है . फिल्म जल्द ही रिलीज़ होगी और आप लोगो का प्यार फिर से हमें मिलेगा .लेकिन फिलहाल मुंबई में आपके सामने ज्वालामंडी है आप लोग इस फिल्म को अवश्य देखिये क्योंकि बहुत ही मनोरंजक फिल्म है ये . मेरा तो ऐसा मानना है की खलनायक अवधेश मिश्रा अपने भोजपुरी फिल्म कैरियर की सर्वश्रेष्ठ भूमिका में हैं . वैसे भी वो कलाकार कमाल के हैं . वो अपने हर किरदार में रम जाते हैं , ज्वालामंडी देखकर आपको खुद अंदाजा लग जाएगा की वो कैसे कलाकार हैं। अंत में आपसे विदा लेते हुए यही कहूँगा की भोजपुरी की अच्छी फिल्मे जरुर देखिये क्योंकि भोजपुरी फिल्मे परदेस में देस की याद दिलाती है . अगले शनिवार आपसे फिर मुलाकात होगी .
आपका
रवि किशन