Tuesday 11 October 2011

हमार बाबु जी

आप सभी को आपके अपने रवि किशन शुक्ल का सादर प्रणाम . जैसा की मैंने शीर्षक में लिखा है हमार बाबु जी आपको आभास हो ही गया होगा की मैं इस बार अपने पिताजी से जुडी बातो को आपसे शेयर करूँगा . दरअसल मैंने अपने कुछ हफ्ते पहले भी आपसे जिक्र किया था की लम्बे अरसे के बाद मेरे पिताजी मेरे साथ है . सच कहूँ तो पिछले लगभग १५ बरसो में ऐसा मौका मेरी जिंदगी में पहली बार आया है. आज ही मेरे पिताजी हमारी जन्मस्थली गए हैं . उन्हें विदा कर आपसे रूबरू हो रहा हूँ . कल मुझे दुबई जाना है, क्योंकि १४ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही मेरी फिल्म अज़ान का प्रीमियर हो रहा है वहाँ . अज़ान होलीबूड स्टायल में बनी हिंदी फिल्म है जिसकी शूटिंग बारह देशों में की गयी है . प्रशांत चड्ढा जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म से नए अभिनेता सचिन जोशी लौंच हो रहे हैं और चर्चित मॉडल केनडिस बाउचर इस फिल्म से हिंदी फिल्मो में उतर रही है . फिल्म में मेरी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है .पिछले दिनों अचानक फिल्म के प्रोमोशन के लिए मुझे लखनऊ और पटना चलने को कहा गया . मैं उस समय गुजरात के राजपिपला में शूटिंग कर रहा था , अगर मैं वहाँ से जाता तो दो दिन शूटिंग रूक जाती . अजान के निर्माता ने मेरी हालत समझ ली आखिर वो भी निर्माता है और उन्हें पता है एक दिन यूनिट अगर बैठी रह जाये तो कितना नुकसान होता है . बड़े निर्माताओं पर तो कोई ख़ास असर नहीं होता लेकिन छोटे निर्माता को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. आखिरकार अजान के निर्माता ने ऐसा फैसला किया जो शायद कम निर्माता ही करते हैं , उन्होंने विशेष विमान बड़ोदा भेजा और मैं समय की बचत करते हुए उसी विमान से पहले लखनऊ फिर पटना गया. लखनऊ में प्रेस कोंफ्रेंस के बाद पटना गया वहाँ हवाई अड्डे पर सैकड़ो की तादात में मेरे फेंस गाजे बाजे के साथ मेरा और सचिन जोशी का इंतज़ार कर रहे थे . सारी मिडिया वहाँ मौजूद थी . एयर पोर्ट पर ही प्रेस कांफ्रेस चला . उस दिन अष्टमी था , मैं और सचिन जब पटना के डाकबंगला चौराहा से गुजर रहे थे तो अचानक हमें आभास हुआ की हमें सामने स्थित दुर्गा पंडाल में जाना चाहिए . वहां गया तो महसूस हुआ साक्षात माँ दुर्गा के दर्शन हो गए हमें. सचिन के लिए पटना नया शहर था लेकिन पटना वासिओ ने जिस तरह मेरा और सचिन का स्वागत किया उससे सचिन को काफी ख़ुशी महसूस हुई. मैंने उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव देखे , शायद उसके लिए ये पहला अवसर था , अब जबकि वो फिल्म जगत में पदार्पण कर चुके हैं तो ऐसा मौका अब बार बार आएगा . खैर , जल्द ही अज़ान आपलोगों के सामने होगी , दुबई से वापस आकर अपने संस्मरण आपसे ज़रूर बाटूंगा जैसा की मैंने शीर्षक में अपने बाबु जी का जिक्र किया था उसे पूरा करना चाहूँगा . बाबु जी तीन माह पहले मेरी जिद पर मुंबई आये थे क्योंकि वहाँ उनकी तबियत अचानक बिगड़ गयी थी. मैंने अपनी जिंदगी उन्ही से उधार ली है अर्थात मैं उनके ही नक़्शे कदम पर चलता हूँ , उनकी ही तरह मैं भी शिवभक्त हूँ , उनकी ही तरह पूजा पाठ में मेरी अभिरुचि और गहरी आस्था रही है. इन तीन माह में काफी बड़ा साथ रहा मेरा , कहते हैं ना ...जैसे जैसे उम्र बढती है जिंदगी का तजुर्बा भी बढ़ता जाता है . इस दौरान उनसे काफी कुछ सीखा , सच कहता हूँ वक़्त चाहे कितना भी बदल जाये , दौर चाहे कोई भी क्यों ना हो बड़ो का तजुर्बा हर दौर में सटीक होता है. आपलोगों को पता ही है की मैं इनदिनों महुआ टीवी पर एक चर्चित शो नाच नचैया धूम मचैया होस्ट कर रहा हूँ. शो ने सफलता का नया कीर्तीमान स्थापित किया है , पिछले दिनों अचानक शो के निर्माता और चैनल ने मुझसे आग्रह किया की वो मेरे बाबु जी को बतौर अतिथि शो पर आमंत्रित करना चाहते हैं . मैंने बाबूजी से बात की तो वो तैयार हो गए क्योंकि महुआ उनका पसंदीदा चैनल है . शो पर वो आये और जब उन्होंने शलोक का पाठ शुरू किया तो सेट पर मौजूद सारे लोग साँसे रोक कर बैठ गए . अस्सी साल की उम्र में उनका जोश और उनकी उर्जा देख सभी अचम्भीत रह गए. मैं खुद अपने भावना को रोक नहीं पाया . उन्होंने काफी सारी बातें की जो जल्द ही आपको महुआ टीवी पर देखने को मिलेगा . मैं खुद उस एपिसोड को देखने के लिए उतावला हूँ. काफी सुखद पल था वो ... किसी शो में बाबूजी का पहली बार जाना हुआ था लेकिन उनके अंदाज़ और हावभाव को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे बरसो से ऐसा कर रहे हैं . जितनी सजहता के साथ उन्होंने शो में जान फूंक दी उससे मैं भौचक्का रह गया. खैर फिलहाल तो वो गाँव पहुच गए हैं जल्द ही मुझे बनारस जाना है फिर उनसे मुलाकात होगी. अब मैं आपसे भी विदा चाहता हूँ अगले हफ्ते फिर अपने दिल की बात आपसे बयान करूँगा .
आपका
रवि किशन

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