Tuesday 1 November 2011

एजेंट विनोद सैफ और मैं


सभी भोजपुरिया भाइयों - बहनों को आपके अपने रवि किशन शुक्ल का प्रणाम . पिछले दस साल में ये पहला मौक़ा है जब छठ के पावन अवसर पर भगवान सूर्या देव एवं छठी मैया की आराधना मुंबई में नहीं कर पाया . दरअसल मैं अभी जैसलमेर की रेगिस्तान की ख़ाक छान रहा हूँ. यहाँ मैं सैफ अली खान की होम प्रोडक्शन की फिल्म एजेंट विनोद की शूटिंग कर रहा हूँ . वहाँ ३१ अक्टूबर तक ही शूटिंग होनी थी लेकिन किसी कारण तीन दिन का अतिरिक्त समय लग गया, जिसके कारण मेरा आगे का पूरा कार्यक्रम बदल गया. आपलोगों को तो पता ही है की मैं हर साल जुहू बीच पर छठ के पावन अवसर पर जाता रहा हूँ , इस बार भी मुझे अपने मित्र संजय निरुपम जी और सुभाष पासी जी द्वारा आयोजित पूजा पंडाल में मौजूद रहकर आपलोगों से मिलना था. मैं आपलोगों से क्षमा चाहता हूँ. वैसे इंसान को दोस्तों का नुकसान नहीं करना चाहिए . मैंने आपको बताया की मैं सैफ अली खान की फिल्म कर रहा हूँ . सैफ अली खान को आखिर मुझमे क्या दिखा की उन्होंने जब अपने होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म बनाने की सोची तो मुझे भी इसमें काम करने का आमंत्रण भेजा ? मेरे अधिकतर जानने वालो को भी पता नहीं होगा की मैंने सैफ अली खान के साथ बरसो पहले भी एक फिल्म की थी . फिल्म का नाम था कीमत जो १९९८ में रिलीज़ हुई यही इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अक्षय कुमार , सैफ और रवीना टंडन , जबकि मैं भी मोहन त्रिपाठी नाम के एक युवक की एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका में था. सैफ से मेरी पहचान उसी फिल्म के दौरान हुई थी . नवाब पटौदी और शर्मीला टैगोर जैसी शख्सियत की संतान होने के वावजूद सैफ में कोई इगो नहीं था , अगर रहता तो उस दौर में जब मेरी पहचान एक संघर्षरत कलाकार की थी तक की पहचान को वो भूल जाते , लेकिन सैफ को पूरी बातें याद थी इसीलिए उन्होंने जब मुझे अपनी फिल्म के लिए आमंत्रित किया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा . हाँ तो मैं आपको बता रहा था की मेरे शूटिंग का कार्यक्रम इनदिनों काफी व्यस्त है . एजेंट विनोद के कारण एक तरफ जहाँ मुझे विक्रम भट्ट की फिल्म डेंजरस इश्क की शूटिंग में नहीं पहुच पाया हूँ तो दूसरी तरफ बनारस में शैलेश सिंह की इसक की भी शूटिंग में भाग नहीं ले पा रहा हूँ. इन दोनों फिल्मो के बीच मुझे एक दिन की शूटिंग विनोद बच्चन की फिल्म जिला गाज़ियाबाद और एक दिन महुआ के शो नाच नचैया धूम मचैया की भी शूटिंग करनी थी. मैं कभी नहीं चाहता की मेरे कारण किसी का भी कोई नुकसान हो . जा सैफ को यह बात पता चली तो उन्होंने खुद मेरे निर्माता निर्देशकों से बात की. खैर मुझे ख़ुशी है की आज जैसलमेर के शूटिंग का आखिरी दिन है और कल यानी गुरूवार को मैं बनारस पहुच जाऊंगा . बनारस यानी बाबा विश्वनाथ की नगरी , जिस शहर को मैं बहुत पसंद करता हूँ.
आपलोगों ने इस रविवार महुआ टीवी के शो नाच नचैया धूम मचैया में मेरे भगवान यानी पंडित श्याम नारायण शुक्ल जी को देखा होगा ? जी हाँ मेरे भगवान यानी मेरे पिताजी , जिनकी बदौलत आज मैं यहाँ तक पंहुचा हूँ. मैंने कभी सोचा तक नहीं था की एक दिन किसी मंच पर कैमरे के सामने वो मेरे साथ होंगे . मैं उनके बारे में ज्यादा तो कुछ नहीं कहूँगा बस इतना ही कहना चाहूँगा की उनसे मुझे काफी उर्जा मिलती है . खैर चलते चलते एक बार फिर आप सबो को दीपावली और छठ पूजा की हार्दिक बधाई . आप मेरा ये स्तम्भ मुंबई से प्रकाशित हिंदी दैनिक हमारा महानगर में भी पढ़ सकते हैं .
आपका अपना
रवि किशन

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