Saturday 12 November 2011

ZILA GAZIABAAD


जिला गाजियाबाद
आप सभी को आपके अपने रवि किशन शुक्ला का प्रणाम. आज ही (शुक्रवार) बनारस से लौटा हूँ और मुंबई में अपने मित्र विनोद बच्चन की फिल्म जिला गाजियाबाद की शूटिंग कमलिस्तान स्टूडियो में कर रहा हूँ . जिला गाजियाबाद की चर्चा मैं बाद में करूँगा सबसे पहले देश की सांस्कृतिक राजधानी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के देव दीपावली का जिक्र जरूर करना चाहूँगा. आप सभी को मैं कार्तिक पूर्णिमा की बधाई देता हूँ. हमारे जो भाई बनारस या उसके आस पास के होंगे उन्हें काशी की देव दीपावली की जानकारी होगी ही , लेकिन आप में से बहुत लोग ऐसे होंगे जिन्हें शायद इनकी जानकारी ना हो , इसीलिए मैं आपसे अपना अनुभव शेयर करना चाहूँगा . बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की बात ही निराली है . पूरा शहर मुझे भक्तिमय लगता है. दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा आता है और इस दिन का यहाँ के बच्चे , बूढ़े , जवान, माता बहनों को बेसब्री से इंतजार रहता है. एक तरफ तो वो इस पवित्र दिन गंगा मैया के चरणों में आकर पुण्य के भागीदारी बनते हैं तो दूसरी ओर देव दीपावली का नजारा देव लोक का आभास दिलाता है. आप लोगो को पता ही है की शरद ऋतु को भगवान श्रीकृष्ण की महा रासलीला का काल माना जाता है. शीमद भगवत गीता में इसका उल्लेख मिलता है और उसमे कहा गया है की शरद पूर्णिमा की चांदनी में श्रीकृष्ण का महारास सम्पन्न हुआ था. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शंकर ने देवताओं की प्रार्थना पर राक्षस त्रिपुरा सुर का वध किया था, परम्परा और आधुनिकता का अदभुत संगम देव दीपावली धर्म परायण महारानी अहिल्याबाई से भी जुड़ा है. अहिल्याबाई होल्कर ने प्रसिद्ध पंचगंगा घाट पर पत्थरों से बना खूबसूरत हजारा दीप स्तंभ स्थापित किया था जो इस परम्परा का साक्षी है. आधुनिक देव दीपावली की शुरुआत दो दशक पूर्व यहीं से हुई थी . देव दीपावली की तैयारी यहाँ के लोग साथ दिन पहले से ही शुरू कर देते हैं , घाटो को सजाया संवारा जाता है , शाम के समय गंगा के करीब 10 किलोमीटर में फैले अर्द्धचन्द्राकार घाटों तथा लहरों में जगमगाते, इठलाते बहते दीपो के कारण गंगा मैया की छटा अद्भुत लगती है . कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी में होना मानो जैसे मेरे लिए भगवान से मिलने के सामान था . हजारो की भीड़ के साथ गंगा मैया की जय और हर हर महादेव का उदघोष एक भक्तिमय जोश का संचार करता है. मैं खुशनसीब हूँ जिसे ऐसा अवसर प्राप्त हुआ है. ऐसा लगता है जीवन सफल हो गया . खैर दो तीन दिन बाद मुझे फिर से बनारस जाना है जहाँ फिर से इसक की शूटिंग करनी है . जिला गाजियाबाद की शूटिंग के कारण मुझे मुंबई आना पड़ा . यहाँ संजय दत्त , अरसद वारसी, विवेक ओबेराय के साथ शूटिंग कर रहा हूँ. जिला गाजियाबाद में मेरा किरदार रासिद अली नाम के ड़ोंन का है. बहुत ही अच्छी फिल्म फिल्म बन रही है .संजू बाबा के साथ मैंने लक में काम किया था. मुझे पूरा भरोसा है की आपलोगों को फिल्म जरूर पसंद आएगी. कल ही मुंबई में मेरी भोजपुरी फिल्म फौलाद रिलीज हुई है . मुझे ख़ुशी है की पहली बार कोई भी भोजपुरी फिल्म मुंबई सर्किट में पैतीस सिनेमाघरों में लगी है और आपलोग उन्हें पसंद भी कर रहे हैं. छठ मैया के आशीर्वाद और आपके प्यार से पिछले सप्ताह रिलीज हुई मेरी दो भोजपुरी फिल्मे रिलीज हुई . उत्तर प्रदेश के मल्टीप्लेक्स में मेरी फिल्म केहू हमसे जीत ना पाई रिलीज हुई और लोगो ने काफी सराहा है . फिल्म वहां अच्छा व्यवसाय कर रही है . मैं निर्माता डॉ. करीम दंपत्ति व निर्देशक एम.आई.राज. को बधाई देता हूँ जिन्होंने देशभक्ति पर आधारित फिल्म बनाने का फैसला किया. मैं दुर्गा दादा को भी बधाई देता हूँ क्योंकि उनकी फिल्म पियवा बडा सतावेला बिहार में अच्छा व्यवसाय कर रही है.
आप मेरा यह ब्लॉग मुंबई से प्रकाशित हिंदी दैनिक हमारा महानगर में हर रविवार पढ़ सकते हैं.
आपका अपना रवि किशन

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