Saturday 31 December 2011
अलविदा २०११, स्वागतम २०१२
आप सभी को आपके अपने रवि किशन शुक्ल का प्रणाम . सबसे पहले आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं . साल के पहले दिन की शुरुवात रविवार यानी छुट्टी के दिन से हो रही है और मेरे लिए ख़ुशी की बात यह है की पहले दिन ही आपसे रूबरू हो रहा हूँ . अभी हिमालय की सर्द वादियों में अपने पूरे परिवार के साथ छुट्टी मना रहा हूँ , लम्बे अंतराल के बाद कुछ वक्त मिला था सोचा इसका सदुपयोग कर लिया जाये क्योंकि दो दिन बाद से एक बार फिर काम में जुट जाना है .फिर महीनों तक आराम का वक़्त नहीं मिलने वाला है . आज मेरे बड़े भाई सामान श्री आर.एन.सिंह जी का जन्मदिन भी है , मेरी तरफ से उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई ,
आज साल का पहला दिन है मतलब खुशियों का दिन लेकिन बीते साल की कुछ खट्टी मीठी यादें भी है . मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर बीता साल काफी अच्छा रहा है क्योंकि इस दौरान कई बड़ी फिल्मो की शूटिंग मैंने पूरी की . अंतिम शूटिंग मेरी थी साल के आखिरी सप्ताह में डेंजरस इश्क की जिसे बना रहे हैं विक्रम भट्ट और एक खासियत इस फिल्म की ये भी है की इस फिल्म से करिश्मा कपूर की वापसी हो रही है . फिल्म के बारे में ज्यादा चर्चा फिलहाल नहीं करूँगा बस इतना ही कहूँगा की एक अद्भुत प्रेम कहानी आपको इस फिल्म में मिलेगी मेरे और करिश्मा कपूर के बीच की . वैसे नए साल में मेरी कई फिल्मे आ रही है . लेकिन पहली फिल्म एक मजेदार फिल्म है जो मकर संक्रांति पर आ रही है , जिसकी आजकल काफी चर्चा है . आप समझ ही गए होंगे मैं चालीस चैरासी की बात कर रहा हूँ. इस फिल्म को निर्देशित किया है ह्रदय शेट्टी ने और मैं इस फिल्म में नसीर सर , के.के. मेनन और अतुल कुलकर्णी के साथ नजर आऊंगा . मैं अपने मूह से खुद इस फिल्म की तारिफ नहीं करूँगा वो मैं आप लोगो पर छोड़ देता हूँ लेकिन मैं नसीर सर की तारिफ अवश्य करूँगा क्योंकि वो अभिनय के अथाह सागर हैं नसीर सर अपने आप में एक संस्थान की तरह हैं. उनके पास अभिनय का दो दशकों से भी अधिक समय का अनुभव है और उनके इस अनुभव से मैंने काफी कुछ सीखा है. मैं पूरी तरह उनके प्रभाव में हूं, क्योंकि वो बहुत ही ईमानदार, भद्र और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं. उनके जीवन में पैसा मायने नहीं रखता. सच में मुझे उनके साथ काम करते बड़ा मजा आया. के.के और अतुल भी बहुत अच्छे अभिनेता है और हम चारो की जुगल बंदी आपको रोमांच से भर देगी . खैर , इस फिल्म की चर्चा आगे करूँगा फिलहाल इस का प्रोमोशन जम कर चल रहा है . सबसे दिलचस्प बात तो यह है की बरसो पहले जिस गाने ( हवा हवा अई हवा खुशबू लूटा दे ) की धूम मची थी उसका आनंद आप इस फिल्म में भी उठा सकते हैं .
बीते साल हमने कला क्षेत्र के कई विभूतियों को खोया है पंडित भीम सेन जोशी, भूपेन हजारिका , शम्मी कपूर , देव आनंद साहब जैसे कुछ ऐसे नाम हैं जिहोने भारतीय कला क्षेत्र को नया आयाम दिया . उन सभी को मेरी भावभीनी श्रधांजलि . अगले रविवार फिर आपसे मुलाकात होगी . आप मेरा ये स्तम्भ मुंबई से प्रकाशित हिंदी दैनिक हमारा महानगर में भी हर रविवार पढ़ सकते हैं .. आपका नया साल शुभ हो , आप लोगो की सारी मनोकामनाएं पूरी हो इसी आशा के साथ आपसे विदा चाहता हूँ .
आपका
रवि किशन
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