Saturday 7 January 2012

चालीस चौरासी का जोरदार प्रोमोशन


आप सभी को आपके अपने रवि किशन का प्रणाम. पिछले रविवार को मैं हिमालय की सर्द वादियों से आपसे अपने मन की बात बयान किया था , अब छुट्टी समाप्त हो गयी है और फिर से अपने रूटीन में लग गया हूँ . फिलहाल दो दिनों तक दिल्ली में बिताने के बाद कल मुंबई आया हूँ और अभी इंदौर जा रहा हूँ. १३ जनवरी को रिलीज़ हो रही फिल्म चालीस चौरासी के प्रोमोशन के लिए . मेरे साथ नसीर साहब , फिल्म के निर्देशक ह्रदय शेट्टी भी हैं. मेरे बीस साल के फ़िल्मी कैरियर में ऐसा पहली बार हुआ है जब लगातार आठ दिनों तक किसी फिल्म के प्रोमोशन में रहने और अपने दर्शको से सीधा संवाद करने का मौका मिला है . वैसे भोजपुरी फिल्मो के प्रोमोशन के लिए अक्सर पटना और बनारस जाने का मौका मिलता रहता है लेकिन वो प्रोमोशन एक से दो दिन का होता है . खैर इस बारे में आगे आपसे चर्चा करूँगा फिलहाल अपने परिवार के साथ बिताये पल आप से ज़रूर बांटना चाहूँगा . पिछले सप्ताह मैंने इस अद्भुत पल का जिक्र किया था , दरअसल काम में व्यस्तता के कारण परिवार को समय देना थोडा मुश्किल हो जाता है , लगातार मुंबई से बाहर शूटिंग करने के कारण इतना समय नहीं मिलता है की अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कुल समय बीता सकूँ , उनकी भावनाओ को जान सकूँ . इसीलिए साल के आखिरी कुछ दिनों को मैंने खुद को अपने परिवार के हवाले कर दिया और छुट्टी बिताने के लिए जगह चुना शिमला, मनाली जैसे बर्फीली वादियों को . कडाके के ठंढ के बीच पांच दिन का ये वक़्त कैसे बीत गया , पता ही नहीं चला .बुधवार को हमें वापस लौटना था , लम्बे सड़क मार्ग से सफ़र तय कर चंडीगढ़ पंहुचा तो कोहरे के कारण हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था, यहाँ पहुच कर पता चला की की कोई भी जहाज मुंबई के लिए नहीं जा पायेगी क्योंकि कोहरे के कारण कुछ भी दिख नहीं रहा था , मुझे मुंबई वापस आकर अगले दिन दिल्ली आना था चालीस चौरासी के प्रोमोशन के लिए . खैर मुंबई आने का इरादा त्याग कर सड़क मार्ग से दिल्ली आया . सफ़र बहुत उबाऊ था क्योंकि गाडी चल नहीं रेंग रही थी . मैंने भी अपने ड्राइवर को कहा की कोई जल्दी नहीं है . गुरूवार और शुक्रवार को दिन भर कई ठिकानो पर आम दर्शको के मिलकर काफी सुखद एहसास हुआ , शुक्रवार को दिल्ली से वापस लौटने के बाद शनिवार को पूना गया , दोनों ही जगह आम दर्शको और मिडिया का अभूतपूर्व प्रतिसाद मिला , हम पूना से शाम वापस आ गए क्योंकि मुझे मुंबई पुलिस द्वारा हर साल आयोजित किये जाने वाले स्टार नाईट उमंग में मौजूद रहना था. आज चालीस चौरासी की पूरी टीम को पहले पटना फिर इंदौर जाना था लेकिन किसी कारण बस पटना का कार्यक्रम पांच दिनों के लिए ताल गया है. इन प्रोमोशन के दौरान हमने महसूस किया की हम सफलता के पथ पर आगे बढ़ते हैं और उन्हें ही समय नहीं देते जिन्होंने हमें इस काबिल बनाया . आप समझ ही गए होंगे की मैं आप लोगो की बात कर रहा हूँ जो हमें देखने के लिए टिकट निकाल कर सिनेमा हॉल में जाते हैं , मुंबई के हमारे दर्शक तो हम सभी सितारों को यदा कदा नज़र आ भी जाते हैं लेकिन दूर दराज़ के लोग इससे बंचित रह जाते हैं . भोजपुरी फिल्मो में तो जनता से सीधा संवाद स्थापित करने की परंपरा नहीं रही है , लेकिन हिंदी फिल्म जगत वाले महानगरो में इस परंपरा को जीवित रखे हुए हैं , लेकिन मैं तारिफ करना चाहूँगा चालीस चौरासी के निर्देशक ह्रदय शेट्टी का जिन्होंने महानगरो के साथ साथ उन शहरो में भी फिल्म का प्रोमोशन करने का फैसला किया जहाँ कभी कभार ही फ़िल्मी कलाकार किसी फिल्म के प्रोमोशन के लिए जाते हैं . ह्रदय ने आठ दिन के प्रोमोशन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर , पटना , पुणे , अहमदाबाद जैसे शहरों को चुना है .
. प्रोमोशन का कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो इसके लिए विशेष विमान की व्यवस्था की गयी है , प्रोमोशन के आखिरी दिन मुंबई में गुरूवार को फिल्म का प्रीमियर है . मुझे ख़ुशी है की एक अच्छी फिल्म को हम आम लोगो तक सीधा पहुचाने की दिशा में सार्थक कदम उठा रहे हैं. इस प्रोमोशन का हिस्सा बनकर मुझे लगा की अगर भोजपुरी फिल्मो का प्रोमोशन भी कुछ इसी तरह हो तो निर्माता को काफी फायदा होता है . मैं इस दिशा में आगे बढ़ रहा हूँ और फरबरी में रिलीज़ हो रही अपनी भोजपुरी फिल्म कईसन पियवा के चरित्तर बा को ढंग से प्रमोट करूँगा . मैं भोजपुरी फिल्मो के निर्माता निर्देशकों से भी अपील करता हूँ की वो इस बारे में सोचे ताकि इसका फायदा फिल्म को हो. अंत में मैं आप लोगो से गुजारिश करूँगा की चालीस चौरासी अवश्य देखें , फिल्म देखकर आपको लगेगा की आपका पैसा वसूल हो गया है, क्योंकि इंटरटेनमेंट का भरपूर मसाला है इस फिल्म में . हम चारो की केमेस्ट्री काफी अच्छी है जिसे देखकर आप कह उठेंगे - बहुत ही प्यार से बनी है ये फिल्म . आप मेरा ये स्तम्भ आप हर रविवार मुंबई और पुणे से प्रकाशित लोकप्रिय हिंदी दैनिक हमारा महानगर में भी पढ़ सकते हैं अगले हफ्ते फिर मुलाकात होगी . तब तक के लिए आपसे विदा चाहता हूँ .
आपका अपना
रवि किशन

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