Friday 21 December 2012

शर्मसार हुई इंसानियत

 
आप सभी को आपके अपने रवि  किशन का प्रणाम . आज आपसे अपने दिल की बात करते हुए मन कुछ अशांत है। बात ही ऐसी है , पता नहीं दुनिया इतनी बेरहम कैसे हो गयी है . दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उस से इंसानियत शर्मसार हुई है . भगवान् ने इस दुनिया को बनाया और सभी जीव जंतु में सिर्फ हम इंसानों को ही इतनी अक्ल दी की हम इस दुनिया को चला सके पर क्या कर रहा है इंसान ? एक बेबस लाचार लड़की के साथ जिस तरह कुकर्म किया गया उसकी जितनी निंदा की जाये कम है . दिल्ली हमारे देश की राजधानी है और अगर वहाँ ही हमारी माँ बहने सुरक्षित नहीं है तो दूर दराज के गाँव में क्या हालत होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। आज ही मैंने समाचार पत्र में सिलीगुड़ी की एक घटना पढ़ी जहां 6 दरिंदो ने एक अबला की इज्जत लूटने के बाद उसकी हत्या कर दी। यह कोई नयी घटना नहीं है, आये दिन या यूँ कहें की  रोज़ अखबारों में कहीं नहीं कहीं की इस तरह की घटना का जिक्र रहता ही है। सवाल उठता है आखिर हम इतने गिर क्यों गए हैं ? क़ानून का डर हमें क्यों नहीं है ? बलिया की जिस लड़की के साथ जो कुछ भी हुआ और उसके बाद आम लोगो में जिस तरह की जागरूकता या विरोध हुआ , यह हर ऐसी घटना में होनी चाहिए . कुकर्मियों को कानून का डर नहीं है पर जब आम इंसान इसके खिलाफ उठ खडा हुआ तो इन अधर्मियों की हिम्मत इस तरह के कुकर्म की नहीं होगी। हर इंसान किसी न किसी माँ का बेटा होता है, किसी बहन का भाई और क्किसी का बाप . अगर उन कुकर्मियों को यह एहसास हो जाये की उसकी भी कोई बहन है , उसकी भी बेटी है और उसकी भी माँ है तो इस तरह की घटना कभी नहीं होगी। हम जिस समाज में जन्म लेते हैं उस समाज के प्रति भी हमारा कोई दायित्य होता है , पर अफ़सोस की बात तो यह है की आधुनिकता के इस दौर में लोग अपना कर्त्तव्य भूल गए हैं , हर छोटी घटना के खिलाफ भी अगर हम एक जुट हो जाएँ तो कभी कोई बड़ी घटना कभी भी  नहीं होगी . पर हम अक्सर तब जागते हैं जब खुद पर बात आती है . ये अच्छी बात है की आज पूरा देश दिल्ली की घटना के खिलाफ एक जुट हो गया है . हमें इस एक जुटता का बरकरार रखना होगा . यह इंसानी फितरत है की किसी एक की बात भले ना सुनी जाये पर उसी बात को अगर सौ लोग बोले तो उसकी बात को कोई अनसुना नहीं कर सकता . खैर, मैं इस तरह की शिकार हुई तमाम बहनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूँ . उन  कुकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई की जानी चाहिए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो . अंत में मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ इस मानसिकता के कुकर्मी  का हर तरह से विरोध करें ताकि हमारी माँ , बहने और बेटी निडर होकर जी सके . अगले शनिवार फिर आपसे बात होगी .
 आपका रवि किशन 

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