Saturday 14 January 2012

बहुत ही सुखद है ये एहसास


आप सभी को आपके अपने रविकिशन शुक्ल का प्रणाम . अभी अभी पटना से लौटा हूँ और आपसे रु ब रु हो रहा हूँ . मैं कल रिलीज़ हुई अपनी फिल्म चालीस चौरासी के प्रोमोशन के लिए नसीर साहब, अतुल और अपने निर्देशक ह्रदय शेट्टी के साथ वहाँ गया था. इस बारे में मैं आपसे थोड़ी देर बाद चर्चा करूँगा , सबसे पहले आप सभी को मकर संक्रांति की ढेरो बधाई. कल मकर संक्रांति का त्यौहार है . आज ही से त्योहारों का सिलसिला शुरू हो रहा है. आप लोगों को तो पता ही है की १४ दिसम्बर से १४ जनवरी का समय खरमास के नाम से जाना जाता है और अपने यू पी बिहार में इस दौरान किसी भी अच्छे काम को नहीं किया जाता है . मकर संक्रान्ति से अच्छे दिनों की शुरुआत होती है . मुंबई में तिल गूळ ध्या आणि गोड़ गोड़ बोला कहकर हम एक दुसरे को इस त्योहार की बधाई देते हैं . आपको जानकार आश्चर्य होगा की मकर संक्रांति का त्यौहार देश के कोने कोने में अलग अलग नाम से मनाया जाता है और किसी अन्य त्योहार के इतने रूप नहीं होते जितने की इस त्योहार का होता है. हरियाणा और पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है . इस दिन अंधेरा होते ही आग जलाकर अग्नि पूजा करते हुए तिल,गुड़, चावल और भुने हुए मक्के की आहुति दी जाती है, बंगाल में इस पर्व पर स्नान पश्चात तिल दान करने की प्रथा है, तमिलनाडु में इस त्योहार को पोंगल के रूप में चार दिन तक मनाते हैं तो असम में मकर संक्रांति को माघ-बिहू अथवा भोगाली-बिहू के नाम से मनाते हैं. राजस्थान में इस पर्व पर सुहागन महिलाएं अपनी सास को वायना देकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं. इस त्यौहार पर आपसी भाई चारा और भी मजबूत हो जाता है . मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ की ये भाई चारा कायम रहे. खैर मैं बात कर रहा था आज के अपने ख़ास दिन के बारे में . अपने बीस साल के फिल्मी कैरियर में ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन अलग अलग फिल्मो के माध्यम से देश के कोने कोने के हर शहर और कसबे के सिनेमा घरो तक मैं पहुच गया हूँ. कल मेरी तीन फिल्मे रिलीज हुई है दो भोजपुरी की और एक हिंदी की . सबसे पहले मैं भोजपुरी की चर्चा करूँगा क्योंकि मेरे दिल के करीब यही सबसे ज्यादा है. मुंबई में मेरी फिल्म मल्लयुद्ध लगभग तीस सिनेमाघरों में रिलीज हुई है और मुझे पता चला है की आपलोगों ने हमेशा की तरह मेरी हर फिल्मो जैसा प्यार इस फिल्म को दिया है . जैसा की मैं आपलोगों को ऊपर बता चुका हूँ की मैं पटना आया हुआ था अपनी फिल्म चालीस चैरासी की पूरी टीम के साथ . पटना के लोगो ने हमेशा मुझे अपना प्यार और आशीर्वाद दिया है. लेकिन कल जिस तरह से पटना एअरपोर्ट पर स्वागत हुआ उससे अभिभूत हो गया या यू कहे की उनका और बड़ा कर्ज मुझपर चढ़ गया तो कोई गलत नहीं होगा. पटना को हमेशा से मैंने अपना ही घर माना है और यहाँ आना मतलब अपने घर आने जैसा ही है . लेकिन इस बार लोगो का स्नेह मेरे प्रति कुछ ज्यादा ही दिख रहा था . यही नहीं बिहार के कोने कोने में आज रिलीज हुई मेरी फिल्म चल रही है और चालीस चौरासी के साथ साथ रिलीज हुई मेरी दूसरी फिल्म केहू हमसे जीत ना पाई को भी अच्छी शुरुवात मिली है. साल के शुरुवात में रिलीज हुई मेरी तीनो फिल्मो को आप लोगो ने इतना प्यार दिया उससे मैं अभिभूत हूँ . मिडिया ने भी पिछले १५ दिनों से हमें काफी पब्लिसिटी दिया है , यही नहीं चालीस चैरासी फिल्म की समीक्षा में भी फिल्म और हमारे अभिनय की तारिफ की है . सच पूछिए तो इससे मनोबल बढ़ता है . वैसे इस साल कई अच्छी फिल्मो में आप मुझे देख सकते हैं और हर फिल्म में अंदाज अलग अलग है. आप मेरा ये स्तम्भ आप कल हमारा महानगर में भी पढ़ सकते हैं .
आपका
रवि किशन

2 comments:

  1. रवि जी,
    यकीनन आप एक अच्छे अभिनेता हैं मैने अभी 4084 नहीं देखी है फिर भी ये यकीन है कि आप सबने अपना 100% दिया होगा।
    हम और हमारा परिवार आपके तब से फैन हैं जब दूरदर्शन पर आपका सीरियल "हवाएं" आता था। आप की आने वाली सभी फिल्में शानदार प्रदर्शन करें यही मातारानी से करबद्ध प्रार्थना है।
    आपका
    रवि प्रताप पाठक"गुलशन"
    भावपूर्ण भजन रचनाकार / गायक
    बहराइच, उत्तर प्रदेश
    मोबाइल -09918605797

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  2. बहुत अच्‍छी पोसट .. आपके इस पोस्‍ट से हमारी वार्ता समृद्ध हुई है .. आभार !!

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