Friday 20 January 2012

जय हो भोजपुरिया समाज

आप सभी को आपके अपने रवि किशन का प्रणाम . अभी मैं सिलवासा में दयाल निहलानी जी की पहली भोजपुरी फिल्म की शूटिंग कर रहा हूँ , इस बारे में आगे चर्चा करूँगा क्योंकि अभी अभी मुझे एक दुखद समाचार मिला है , प्रसिद्द फिल्म समीक्षक निकहत काजमी जी का आज (शुक्रवार) सुबह देहावसान हो गया . देश के सबसे बड़े अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ वो पिछले २४ साल से जुडी थी. मात्र एक सप्ताह पहले मैंने उनसे बात की थी और मैंने उन्हें धन्यवाद दिया था क्योंकि उन्होंने पिछले सप्ताह रिलीज़ हुई मेरी फिल्म चालीस चौरासी की समीक्षा की थी . भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे, फिल्म इंडसट्रीज के लिए यह अपूरणीय क्षति है . यहाँ सिलवासा में जब मैंने यह खबर यूनिट के लोगो को दी तो वो भी दुःख में डूब गए . जिन्हें भी उनसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था उनके सामने स्वर्गीय निकहत जी का मुस्कुराता चेहरा सामने आ गया. खैर , यह तो संसार का नियम है , एक ना एक दिन हम सभी को जाना है , हाँ एक कसक दिल में रहती है अपनों के जाने की . मैं आपलोगों के लिए अपना ये स्तम्भ शुक्रवार को लिखता हूँ और पिछले सप्ताह रिलीज़ हुई मेरी तीनो फिल्मे आज दुसरे सप्ताह में पहुच गयी है , मैं आप लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ की तीनो फिल्मो को आपने प्यार दिया . हिंदी फिल्म चालीस चौरासी ने पहले सप्ताह में ही अपने लागत के करीब पहुच गयी है , मतलब पैसा वसूल और अगली फिल्म की तैयारी. बिहार में रिलीज़ हुई मेरी फिल्म केहू हमसे जीत ना पाई अपने सभी रिलीजिंग सेंटर में दुसरे सप्ताह में पहुच गयी है . फिल्म के वितरक पुनीत ने मुझे बताया है की सिनेमाघरों में दो सप्ताह पूरा करने के बाद फिल्म की आधी से भी कहीं अधिक लागत बिहार से ही पूरी हो जाएगी , उत्तर प्रदेश में भी फिल्म ने अच्छा कारोबार किया है और अगले सप्ताह यह फिल्म मुंबई में आप लोगो के सामने होगी . मुंबई में तो आप लोग मेरी फिल्म को हाथो हाथ उठा लेते हैं इसीलिए यहाँ का व्यवसाय अच्छा होना तय है . मैं फिल्म के निर्माता डॉ. विजाहत करीम और निर्देशक एम.आई.राज और अपने सहयोगी कलाकारों को उनकी फिल्म की सफलता के लिए बधाई देता हूँ . पिछला सप्ताह पूरे भोजपुरी समाज के लिए एक खुशखबरी लेकर आया था क्योंकि उनकी भाषा की कोई पहली फिल्म संतान - एगो तोहफा विदेश में रिलीज़ हुई वो भी नियमित शो में. यह फिल्म अगले महीने मुंबई में लगेगी . इस फिल्म को भी प्रदीप भैया और उनकी टीम रिलीज़ कर रही है जो आज की तारीख में मुंबई में भोजपुरी फिल्म के निर्माताओं के लिए अच्छे वितरको में से एक माने जाते हैं . संतान एक बहुत ही अच्छी पारिवारिक फिल्म है और ऐसी फिल्म है जिसे आप अपने परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं. अंत में मैं दयाल निहलानी जी की पहली भोजपुरी फिल्म का जिक्र करना चाहूँगा . दयाल जी हिंदी फिल्मो के जाने माने निर्देशक है उन्होंने अंधायुद्ध , गेम्बलर और करमयोद्धा जैसी काफी अच्छी फिल्मे बनायी है अब पहली बार भोजपुरी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं , दयाल जी श्याम बेनेगल सर के साथ बरसो से जुड़े हैं और मैंने भी श्याम सर के साथ दो फिल्मे वेलकम तो सज्जनपुर और वेल्डन अब्बा किया है इसीलिए दयाल जी से मेरा पुराना सम्बन्ध रहा है . मैं उनके भोजपुरी आगमन पर उन्हें बधाई देता हूँ और उन जैसे लोगो के भोजपुरी में आने से भोजपुरी फिल्मो का स्तर काफी उंचा उठ जायेगा . आप मेरा ये स्तम्भ मुंबई से प्रकाशित हिंदी दैनिक हमारा महानगर में भी हर रविवार पढ़ .सकते हैं . अगले सप्ताह फिर आपसे बात होगी .
आपका अपना
रवि किशन

2 comments:

  1. Thanks ravi ji a to aap ka badappan hai.

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  2. ravi bhai.....' ZILA GAZIABAAD ' vala look dhammal hai....loved it !!!!!!!

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