Saturday 10 September 2011

SANTAAN - EGO TOHFA


आप सभी को आपके अपने रवि किशन शुक्ल का प्रणाम .सबसे पहले आप सभी को अनंत चतुर्दशी की हार्दिक बधाई . गणपति बाप्पा आज अपने धाम जा रहे हैं , अब अगले बरस तक उनका इंतज़ार रहेगा. इधर दो दिन से कई मानसिक संताप से गुजरना पड़ा है . आप सबको पता ही है की मेरी एक नौकरानी रूबी ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली . मैं उस दौरान अपनी फिल्म संतान के प्रोमोशन के लिए बिहार में था. मैं मुंबई पुलिस को जांच में सहयोग कर रहा हूँ और खुद जानना चाहता हूँ की उसकी मौत की वजह क्या है .मेरे बच्चो पर इसका गहरा असर पड़ा है. ....खैर बात संतान की हो रही है तो आपको तो पता ही है संतान के प्रति सबकी चाहत होती है अगर ना हो तो लोग मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा में माथा टेकते हैं. एक संतान की चाहत लोगो को हर अच्छे बुरे काम के लिए मजबूर कर देती है . आपलोगों को तो पता ही है की मेरी चार संतान है - तीन लड़की और एक लड़का ... मेरी तीनो लडकियों के आगमन ने मेरी जिन्दगी को बदल दिया और उनके जन्म के बाद ही मेरी तरक्की हुई. मेरे बेटे का जन्म मेरी खुशहाली के वक़्त हुआ .... जरा सोचिये ऐसी महिला जो संतान हीन है उसे किस हालात से गुजना पड़ता होगा, आज भले ही हम इक्कीसवी सदी में हैं लेकिन आज भी हमारे देश के कुछ इलाको में महिलाओ का बाँझ होना अभिशाप माना जाता है. एक लड़की जिसे हम वियाह  कर  अपने घर लाते हैं, घर में उन्हें प्यार इज्जत और सम्मान देते हैं लेकिन अचानक जब पता चलता है की वो महिला कभी माँ नहीं बन सकती तो सारा प्यार सम्मान और इज्जत गायब हो जाता है. आप सोच रहे होंगे की अचानक मैं संतान की महत्ता क्यूँ बता रहा हूँ... दरअसल इसी शुक्रवार मेरी भोजपुरी फिल्म बिहार में रिलीज़ हुई है. गुरुवार  को मैं फिल्म के प्रोमोशन के लिए पटना गया था ..दिन भर मिडिया के हुजूम से घिरा रहा , अति उत्साह में हमारे कुछ चहेतों ने मेरे लिए एक हाथी का प्रबंध कर दिया , लोगो की इच्छा थी की मैं अन्य कलाकारों के साथ हाथी की सवारी करूँ .... गाजे बाजे के बीच हम हाथी पर  पर बैठ तो गए लेकिन संतुलन बिगड़ने के कारण मेरे छोटे भाई सामान मित्र अवधेश मिश्रा का संतुलन बिगड़ गया  और वो गिर पड़े ,,उनके पैर में काफी चोटें  आई है ..मैं खुश हूँ की पैर में प्लास्टर लगे होने के वाबजूद वो मेरे साथ ताजपुर, समस्तीपुर और दरभंगा के सिनेमाघरों में मेरे साथ था ...मेरे साथ मेरे सहयोगी कलाकार पाखी हेगड़े , शुभी शर्मा , फिल्म के निर्देशक हैरी फर्नांडिस, फिल्म के निर्माता अनूप कुमार , कार्यकारी निर्माता नीलम भंडारी, मेरे मेनेजर बादशाह खान, मेरे  मेकपमेन   हितेश लिम्बचिया और पाखी हेगड़े के  मेकअप  मेन सुरेन्द्रनाथ प्रसाद  और प्रचारक उदय भगत व रंजन सिन्हा के साथ पटना में था .  सारे चैनल और अखबार वाले मेरी फिल्म संतान के बारे में जानना चाह रहे थे. दरअसल मुझे कहने में ये संकोच नहीं है की भोजपुरी में अच्छी फिल्मो की तादात बहुत ही कम है , फिल्म के नाम पर फुहरता का बोलबाला हो गया है. महिला दर्शको का रुझान सिनेमा घरो से कम हो गया है . जब भी बिहार जाता हूँ अक्सर सवालो से जूझना पड़ता है कब सुधरेगी भोजपुरी फिल्मो की दशा . अब संतान मैंने दर्शको के सामने रखा है , एक बाप को अपना हर बेटा प्यारा होता है , आज डेढ़ सौ भोजपुरी फिल्मो में अभिनय करने के बाद भी मेरी अच्छी फिल्मो की भूख बरकरार है और उसी का हिस्सा है संतान. पिछले सप्ताह मैंने फिल्म का विशेष शो देखा था. फिल्म में कई दृश्य ऐसे हैं जिसे देखकर आँखों में आंसू आते हैं. एक पत्नी का  त्याग  , एक प्रेमिका की चाहत के बीच अपनी बाँझ पत्नी को हौसला बढ़ाना और समाज के ताने से अपने प्यार की चादर पत्नी पर बिखेरना यानी मानवीय भावनाओ से ओतप्रोत है संतान . मेरे सभी सहयोगी कलाकारों ने बहुत अच्छा काम किया है इस फिल्म में , पाखी हेगड़े ने तो गजब की अभिनय क्षमता का परिचय दिया है . आप लोगो ने पाखी को मेरे साथ लहरिया लूटा ए राजा जी ने पसंद किया था , मेरा वादा है संतान को आप लोग मेरी जोड़ी को काफी पसंद करेंगे . मैं इस फिल्म के निर्माण के लिए स्वरुप फिल्म्स के पुनीत केला, अनूप कुमार और निर्देशक हैरी फर्नांडिस का शुक्रिया अदा करता हूँ , हैरी के साथ मेरी यह चौथी फिल्म है और वो मेरे पसंदीदा निर्देशकों में से एक हैं और हमेशा मेरी उम्मीदों से उन्होंने अच्छा काम किया है. एक दक्षिण भारतीय क्रिश्चन को भोजपुरी फिल्मो की इतनी समझ है की पूछिए मत . खैर  मुझे ख़ुशी है की संतान को जबरदस्त ओपनिंग मिली है , बिहार में दर्शको ने इस फिल्म का जिस तरह स्वागत किया है उससे मुझे काफी ख़ुशी मिली है . संतान जल्द ही मुंबई में आपके सामने होगी ... ...अगले हफ्ते फिर आपसे मुलाकात होगी ....
आपका अपना
रवि किशन

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